Success Story : रात में गार्ड बनकर, दिन में चाय बेची, जानिए संघर्ष से सफलता की कहानी

आज के हमारे Article में हम आप सभी का तहे दिल से स्वागत करते हैं हम आशा करते हैं कि आप आपके समस्त परिवार तथा आपके सभी समय समय सकुशल प्रसन्न तथा स्वस्थ होंगे. 

आज का हमारे आर्टिकल बहुत ही ज्यादा रोचक होने वाला है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी प्रिय पाठकों के साथ मुकेश के संघर्षमय जीवन कि कहानी जानने वाले हैं हम आशा करते हैं कि हमारा यह प्रयास व्यर्थ नहीं जाएगा.

इसके साथ ही हम आप सभी प्रिय पाठकों से धन्यवाद भी कहना चाहते हैं कि यदि आप अपने जीवन के लक्ष्य को हमारे साथ साझा करते हैं तो हमें अत्यधिक प्रसंता होगी. हम इस बात की पूरी गारंटी देते हुए कि हमारे आज के इस स्टोरी को पढ़ने के पश्चात आपको अपने लक्ष्य के प्रति और भी अधिक प्रेम हो जाएगा. 

तो चलिए बिना समय बरबाद किये के आज के हमारे Article को प्रारंभ करते हैं और जानने का प्रयास करते हैं कि मुकेश कि आखिर क्या कहानी है तथा ये कौन है.

सफलता की कहानी है सबको सुनानी :-

आपको बता दें कि जिस मुकेश कि हम इस आर्टिकल में चर्चा करने वाले हैं उनके संघर्षमय जीवन की शुरुआत चाय की टपरी से होती है जिसके पश्चात उनका यह सफर गार्ड की नौकरी और संघर्षों से होता हुआ अपनी मंजिल की ओर चलता ही रहता है. हजारों कमियां सुविधा तथा गरीबी के बावजूद भी मुकेश ने अपने माता-पिता का स्वप्न पूरा करके अपनी कामयाबी के साथ समस्त संसार के समक्ष मिसाल रखी दी.

आज हम जिनकी कहानियां आज के इस आर्टिकल में उल्लेखित करने वाले हैं हम उनके विषय में बता दें कि वह राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं उनका नाम मुकेश दाधीच (Mukesh Dadhich) है. आपको बता दें कि इन्होंने विपरीत परिस्थितियों होने के पश्चात भी अपनी किस्मत को कभी नहीं कोसा करता और उन्होंने अथक प्रयास करके अपने दम पर सफलता की प्राप्ति की है. 

आज के इस आर्टिकल में हम इन्हीं मुकेश जी के सक्सेस स्टोरी को आपके समक्ष प्रस्तुत करने वाले हैं जिसके पश्चात आपको अपने जीवन में आ रही चुनौतियों से लड़ने के वास्ते शक्ति की प्राप्ति होगी. 

चाय की टपरी से प्रारंभ हुई थी संघर्ष की कहानी :-

वास्तविकता में मुकेश के संघर्ष का सफर चाय की टपरी से प्रारंभ हुई है जिसके पश्चात उनका यह सफर गार्ड की नौकरी और संघर्षों से होता हुआ अपनी मंजिल की ओर रुख मोड़ तक चला जाता है. आपका हम पहले ही इस बात की स्पष्टीकरण प्रदान कर दें कि उनके जीवन में बहुत सी चीजों का अभाव था इसके साथ ही और सुविधाओं तथा गरीबी के पश्चात भी मुकेश ने अपने माता-पिता का नाम अपने सपनों को पूर्ण करके रोशन कर दिया है. 

मुकेश जी के इस कामयाबी से आज उनका समस्त परिवार पसंद है मुकेश जी यह कहते हैं कि सफलता का कोई भी शॉर्टकट नहीं होता है इसके वास्ते सर्वाधिक आवश्यक किया है कि कड़ी मेहनत की जाए लगन लगाई जाए तथा संयम रखा जाए जो व्यक्ति इन सभी चीजों का पालन कट्टरता पूर्वक करता है वह सफलता की और अपने कदम को अग्रसर करता है. 

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दाधीच जोधपुरा के रहने वाले हैं मुकेश दाधीच :- 

आपको हम इस बात से अवगत करवा दे कि मुकेश दाधीच के मदेरणा कॉलोनी में रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम जय प्रकाश दाधीच है. बात यह है कि वह कोई बड़े बिजनेसमैन नहीं हैं. उनका बस एक छोटा सा चाय का होटल है पिता इसी से प्राप्त धनराशि से अपने घर का खर्चा चलाते हैं. 

इसके अतिरिक्त वह बच्चों को पढ़ाने के वास्ते भी जी जान लगाकर अपने होटल में मेहनत करते हैं. जब मुकेश ने होश संभाला तो वह पिता के काम में उनका हाथ बढ़ाने हेतु अग्रसर हुए उन्होंने व्यवसाय को संभाल लिया किंतु मुकेश के मन में तो कुछ अन्य ही बात चल रही थी वह एक अच्छी सी नौकरी कर दे हेतु सोच रहे थे. जिसके वास्ते वह लगातार मेहनत भी किया करते थे.

जानिए क्या थी मुकेश जी की रूटीन :-

वास्तविकता में मुकेश हर रोज बिल्कुल समय से चाय की दुकान पर पहुंच जाया करते थे, जहां पर वह काम किया करते थे इस बीच थोड़ा सा भी समय मिलता है तो वह अपनी किताबों में हो जाया करते थे सारा दिन दुकान पर काम करने के पश्चात मुसीबतें थी कि पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी. ऐसे में मुकेश ने रात में नौकरी करने का भी निर्णय कर लिया. 

दिनभर वह होटल पर चाय बेचा करते थे फिर रात को नागोरी गेट स्थित सेंट्रल बैंक के एटीएम पर गार्ड की नौकरी किया करते थे. इस दौरान वह एटीएम के गार्ड रूम में बैठकर के पढ़ाई भी किया करते थे. 

नहीं मिलता था नींद लेने तक का समय :-

मुकेश ने इस बात की जानकारी प्रदान की है कि दिन रात लगातार काम करते रहने से उन्हें सोने तक की फुर्सत नहीं मिलती थी रात के समय में भी पांच 6 घंटे पढ़ाई किया करते थे.

जैसे ही थोड़ा सा खाली समय मिलता वह अपनी चाय की दुकान पर पढ़ाई करने हेतु बैठ जाया करते थे. लगातार मुकेश जी की इस कड़ी मेहनत रंग ले ही लाया. 

सफलता का नहीं होता है कोई भी शॉर्टकट :-

आपको हम इस बात से अवगत करवा दे मुकेश का सिलेक्शन पीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर के पद पर हो चुका है. मुकेश जी की इस शानदार सफलता से उनके घर में खुशी का माहौल छाया हुआ है सिलेक्शन के पश्चात भी मुकेश जी अपने पिता के व्यवसाय में उनका हाथ बढ़ाते हैं.

आखिर में मुकेश जी ने आज के युवाओं को सफलता का मंत्र प्रदान कर दिया है. उन्होंने यह बात कही है कि लगातार अभ्यास निरंतर पढ़ाई अथक मेहनत सफलता प्राप्ति हेतु एकमात्र रास्ता है इसका कोई भी शॉर्टकट नहीं होता है. 

निष्कर्ष :-

आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी प्रिय पाठकों का तहे दिल से स्वागत करते हैं आज हम आप सभी प्रिय पाठक को से सर्वप्रथम इस बात के लिए प्रार्थना करते हैं कि हमारे Article को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जरूर शेयर करें क्योंकि आज के Article में हमने आप सभी पाठकों के साथ मुकेश जी की संघर्षमय जीवन की कहानी बताई है। यह सब जाने के पश्चात प्रत्येक व्यक्ति को अपने लक्ष्य के प्रति प्रेम की अनुभूति होगी.

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